गिरिडीह सहित राज्य के चार जिलों में खुलेगा मेडिकल कॉलेज, केंद्र ने दी मंजूरी, राज्य सरकार ने छह जिलों में की थी मांग
Last Updated on October 29, 2025 by Gopi Krishna Verma
आरटीआई के तहत खुलासे में केंद्र ने नहीं दी थी राज्य के मांग को तब्बजो, दबाब में केंद्र ने दी मंजूरी
एक नज़र:
- खूंटी में 50 सीट का कॉलेज खुलेगा।
- जामताड़ा, धनबाद व गिरिडीह में 100-100 एमबीबीएस सीटों के कॉलेज होंगे।
- नई दिल्ली में डीईए की बैठक में एसीएस की प्रस्तुति पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी।
- देवघर व पूर्वी सिंहभूम को नहीं मिली मंजूरी।

HEALTH: झारखंड में गिरिडीह सहित चार जिलों में नए मेडिकल कॉलेज निर्माण का रास्ता अब साफ नजर आ रहा है। राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए भारत सरकार ने राज्य के चार जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मंजूरी दे दी है। चारों जिले में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना पीपीपी (सार्वजनिक निजी सहभागिता) मोड पर की जाएगी।
गिरिडिह के आरटीआई एक्टिविस्ट सुरेन्द्र पांडेय के आरटीआई से केंद्र ने खुलासा किया था कि राज्य के प्रस्तावित एक भी कॉलेज को केंद्र द्वारा मंजूरी नहीं दी गई थी। अखबार में ख़बर छपने व किरकिरी होने पर केंद्र सरकार ने राज्य के प्रस्तावित छह में से चार मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की मंजूरी दे दी है।

इन जिलों में बनेगा नए मेडिकल कॉलेज
बताते चलें कि राज्य सरकार ने धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम के सदर अस्पतालों को पीपीपी( पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र को दिया था। जिसमें केंद्र ने धनबाद, खूंटी, जामताड़ा व गिरिडीह में मेडिकल कॉलेज निर्माण को मंजूरी दी है। इससे जनता में खुशी देखी जा रही है।
पीपीपी मोड में होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना
यह स्वीकृति भारत सरकार की “पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापना योजना” के तहत दी गई है। इसका उद्देश्य देशभर में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना है। नई दिल्ली में मंगलवार को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय मामलों के विभाग (डीईए) की बैठक हुई। इसमें झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य का प्रजेंटेशन दिया। इसके बाद डीईए ने झारखंड में चार जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दे दी।

केंद्र व राज्य के सहयोग से होगा निर्माण
चारों जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना केंद्र व राज्य के सहयोग से किया जाएगा। परियोजना का संचालन वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ इकोनोमिक अफेयर) द्वारा संचालित व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, यानी वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) की उपयोजना एक एवं दो के अंतर्गत कार्यान्वित की जाएगी। मेडिकल कॉलेज धनबाद परियोजना वीजीएफ उपयोजना एक के अंतर्गत, जबकि, खूंटी, जामताड़ा व गिरिडीह मेडिकल कॉलेज परियोजना वीजीएफ उपयोजना दो के तहत कार्यान्वित की जाएगी। इस उप-योजना दो के तहत भारत सरकार 40% पूंजीगत व्यय सहायता तथा 25% परिचालन व्यय सहायता प्रदान करेगी। जबकि, झारखंड सरकार 25% से 40% तक पूंजीगत व्यय तथा 15% से 25% तक परिचालन व्यय सहायता के रूप में योगदान देगी। उपयोजना एक के तहत पूंजीगत सहायता के रूप में भारत सरकार से 30 प्रतिशत तथा राज्य सरकार से 30 प्रतिशत के अनुपात में प्रदान की जाएगी।
“पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों के खुलने से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
-अजय कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग
