रोजगार सृजन के लिए सुपात्र लाभुकों को शीघ्र कराएं ऋण उपलब्ध: डीसी

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Last Updated on June 13, 2025 by Gopi Krishna Verma

डीसी की अध्यक्षता में DLCC, DLRC एवं DLRAC की वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही बैठक संपन्न

गिरिडीह। गुरुवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त, श्री रामनिवास यादव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार समिति (DLCC ), जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) एवं जिला स्तरीय आरएसईटीआई सलाहकार समिति (DLRAC) की तिमाही बैठक हुई। जिसमें सांसद प्रतिनिधि, उपविकास आयुक्त एवं जिला संबंधित पदाधिकारियों एवं बैंक प्रबंधकों के साथ सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में उपायुक्त द्वारा पिछली तिमाही की बैठक की कार्यवृत की संपुष्टि किया गया। साथ ही वार्षिक ऋण योजना की चतुर्थ तिमाही के उपलब्धि, किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धि, प्राथमिकता क्षेत्र की उपलब्धि, ऋण-जमा अनुपात की उपलब्धि, प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की उपलब्धि, PMEGP एवं PMFME की उपलब्धि, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत PMSVANidhi की उपलब्धि, स्टैंड-अप इंडिया की उपलब्धि, महिला स्वयं सहायता समूह के क्रेडिट लिंकेज, वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, आर-सेटी के कार्य उपलब्धि एवं बचत खाता, मुद्रा ऋण एवं PMSBY, PMJJBY क्लेम सेटलमेंट सहित अन्य की भी समीक्षा किए।

बैठक के दौरान NPA, आरबीआई द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल एनेबल्ड मार्केट क्लस्टर्स, लंबित RC केसेज, प्री-पीएलपी, पीएम सूर्य घर योजना सहित अन्य पर चर्चा किया गया। इसके अलावा एग्रिकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ़) एवं बैंकिंग आउटलेट द्वारा अनबेक्ड रूरल सेंटर्स (URCs) का कवरेज का भी समीक्षा किया गया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इसके अलावा उपायुक्त ने वार्षिक साख योजना के तहत बैंकवार किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी बैंक प्रबंधकों/ प्रतिनिधियों को लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं जिले के विकास से संबंधित सरकार की प्रायोजित नाबार्ड, पीएलपी 2025-26, किसान क्रेडिट कार्ड, जमा साख, महिला स्वयं सहायता समूह की क्रेडिट लिकेज, पीएमईजीपी की उपलब्धि, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, आरसेटी के कार्य, स्टैंड अप इंडिया की उपलब्धि एवं एनपीए जैसी विभिन्न बिदुओं पर विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई।

इसके अलावा उपायुक्त ने चालू वित्तीय वर्ष के चौथी तिमाही में डेयरी, मत्स्य पालन, बकरी पालन, सूअर पालन, पशुपालन आदि पर जोर दिया। उन्होंने सभी बैंकर्स को जीएम, जिला उद्योग केंद्र से समन्वय स्थापित कर पीएमजीईपी के लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा वार्षिक ऋण योजना की समीक्षा की गई। सभी बैंकों के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण करने का निर्देश दिया। समीक्षा के क्रम में किसान क्रेडिट कार्ड योजना की प्रगति की समीक्षा की गई तथा किसानों को केसीसी ऋण उपलब्ध कराने का दिशा-निर्देश दिया गया।

स्वयं सहायता समूह योजना के तहत क्रेडिट लिकेज की समीक्षा की गई। एलडीएम को निर्देश दिया गया कि क्रेडिट लिकेज के लिए प्रत्येक बैंक में सप्ताह में 1 दिन निश्चित करें। उपरोक्त तिथियों को बैंकों में एसएचजी को क्रेडिट लिकेज के लिए उपलब्ध कराएंगे। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी आवेदन रिसीव करने से पहले आवेदन को अच्छी तरह से देख लें ताकि उसमें कहीं त्रुटि की संभावना ना हो। वहीं जिन बैंकों द्वारा PMEGP एवं PMFME के तहत एक भी योजना का सेंक्शन नहीं किया गया उन्हें योजनाओं को सेंक्शन कर लक्ष्य प्राप्ति का भी निर्देश दिया गया।

मौके पर उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने कहा कि सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में बैंक की जिम्मेवारी महत्वपूर्ण है। इसलिए बैंक सरकार की योजनाओं को पूर्ण करने और लोगों के विकास के लिए संचालित योजनाओं में किसी प्रकार का भी कौताही न बरतें। वैसे सुपात्र लाभुक जिन्हें ऋण की आवश्यकता है, उन्हें जल्द से जल्द ऋण उपलब्ध कराएं ताकि अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के हित में कार्य करें एवं उनकी सुविधा के लिए हर संभव प्रयास करें। सभी लैंपस से जुड़े किसानों को चिन्हित करते हुए उन्हें KCC का लाभ आच्छादित कराए।

मौके पर उप विकास आयुक्त, उप नगर आयुक्त, डीडीएम नाबार्ड, जीएम डीआईसी, डीपीएम जेएसएलपीएस, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सांसद प्रतिनिधि सहित कई संबंधित पदाधिकारी एवं बैंक कर्मी उपस्थित थे।

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