रन मैराथन के माध्यम से जन-जन को मादक पदार्थों के कारण हो रहे दुष्प्रभाव के संबंध में किया जा रहा जागरूक

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Last Updated on June 26, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। गिरिडीह जिले में मादक पदार्थों के विरुद्ध व्यापक जन जागरूकता अभियान को लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर आमजनों को नशा मुक्ति के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में आज जिला उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक, पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी और जिला खेल पदाधिकारी के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रन फॉर मैराथन की शुरुआत की। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस मैराथन दौड़ में बड़ी संख्या में लोग शमिल हुए। साथ ही यह संकल्प लिया गया कि नशा करने से स्वयं को रोकने एवं अन्य को भी नशा नहीं करने हेतु प्रोत्साहित किया गया।

इस दौरान आमजनों से नशा मुक्ति अभियान में जिला प्रशासन की सहयोग की बात कही गई। तथा युवा वर्ग तथा अगली पीढ़ी को नशा की चपेट में जाने से रोका जाय। लोगों से अपील किया गया कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को मादक पदार्थों के सेवन के दुरुपयोग से अवगत करवाया जा सकें। यह दौड़ गिरिडीह स्टेडियम से शुरू होकर महेशलुंडी होते हुए वापस गिरिडीह स्टेडियम तक संपन्न हुई, जिसमें सैकड़ों बालक-बालिका धावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं एवं आम नागरिकों को मादक पदार्थों के दुष्परिणामों से अवगत कराना और समाज में एक स्वस्थ एवं जागरूक वातावरण का निर्माण करना है।

मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए जिला उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिले को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से आज का यह मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया है ताकि इस अभियान के माध्यम से ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाय और लोगों को नशे की चपेट में आने से बचाया जा सके। इस दौरान उपायुक्त ने नशा से होने वाले दुष्परिणाम की विस्तृत जानकारी दी। नशा से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार प्रभावित होते हैं। समाज में फैल रहे नशे को हमसभी को मिलकर रोकना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को नशा के सेवन से दूर किया जा सकें।

उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान में समाज के हर वर्ग की भूमिका अहम है। सबको मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करना होगा तभी हमलोग नशे के विरुद्ध इस अभियान में सफल होंगे।मौके पर पुलिस अधीक्षक, डॉ बिमल कुमार ने कहा कि युवाओं के इस उत्साह की सराहना की और कहा कि खेलों के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा में जोड़ना नशे से दूर रखने का एक सशक्त जरिया है। मादक पदार्थों के रोकथाम हेतु जनभागीदारी की आवश्यकता है। इसके साथ ही वर्तमान में सबसे जरूरी है जागरूकता।

जागरूकता एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए आमजनों को नशा छोड़ने के उपाय, इससे दूर रहने से संबंधित सलाह आदि भी दी जा सकती है। वर्तमान समय में युवा सबसे ज्यादा नशा में चपेट में आ रहे है, इससे बचने की आवश्यकता है। उन्होंने आशा जताई कि जिला प्रशासन और युवाओं के सहयोग से झारखंड जल्द ही नशा मुक्त राज्य बनेगा। इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी, गिरिडीह (पूर्वी) ने भी युवाओं को संबोधित किया।

समापन सत्र में उपायुक्त, गिरिडीह, पुलिस अधीक्षक, गिरिडीह तथा वन प्रमंडल पदाधिकारी, गिरिडीह (पूर्वी), द्वारा विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। विजेता खिलाड़ियों को मेडल,ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त , गिरिडीह ने सभी खिलाड़ियों, नगर वासियों से अपील कि वे अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए नियमित व्यायाम, जॉगिंग, वॉकिंग करें तथा नशे से दूर रहें तदोपरांत उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह मिनी मैराथन आयोजन नशा मुक्त समाज की स्थापना की दिशा में एक प्रेरक प्रयास रहा, जिसमें युवाओं, खिलाड़ियों एवं नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यक्रम की सफलता में जिला प्रशासन, गिरिडीह की अहम भूमिका रही।

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