10 करोड़ की लागत से बदलेगी उसरी जलप्रपात की दशा, मंत्री सुदिव्य ने किया शिलान्यास

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Last Updated on December 13, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। पूर्वी वन प्रमंडल के अंतर्गत आने वाला उसरी जलप्रपात, जो अब तक केवल स्थानीय सैर-सपाटे का केंद्र माना जाता था, अब आधुनिक इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

शनिवार को नगर विकास, पर्यटन और खेलकूद मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इस 10 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना का विधिवत शिलान्यास किया। मंत्री सोनू ने बताया कि राज्य सरकार झारखंड के पर्यटक स्थलों को देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस योजना के तहत उसरी जलप्रपात क्षेत्र में विस्तृत पार्किंग एरिया, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, वॉच टावर, पिकनिक जोन, आकर्षक प्रवेश द्वार, पर्यटकों के आरामदायक बैठने की जगहें, गेस्ट हाउस और एक आधुनिक रेस्टोरेंट का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, पूरे इलाके को पर्यावरणीय दृष्टि से संतुलित रखते हुए स्वच्छता, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से न केवल गिरिडीह पर्यटन जगत में नई पहचान बनाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और व्यापार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले साल जून तक उसरी जलप्रपात नया चेहरा देखने को मिलेगा। “हमारी कोशिश है कि आने वाले वर्षों में गिरिडीह झारखंड ही नहीं, बल्कि देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाए।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले पांच वर्षों में पूरे जिले में पर्यटन विकास की कई योजनाएं लागू की जाएंगी।शिलान्यास समारोह में उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार, डीएफओ पूर्वी मनीष तिवारी एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते, रेंजर एसके रवि एसडीपीओ जीतवाहन उरांव तथा पूर्वी वन प्रभाग के सभी रेंजर, फॉरेस्टर और वनरक्षी शामिल हुए।

मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और पर्यावरण प्रेमी भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम स्थल पर लोगों में उत्साह और खुशी का माहौल देखने को मिला। शिलान्यास की खबर सुनते ही मोहानपुर, मझलाडीह, गादी, श्रीरामपुर और उदना बादवा गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र में पर्यटन कारोबार, सड़क संपर्क और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।

गिरिडीह के नागरिकों ने इस पहल को जिले के पर्यटन विकास का स्वर्णिम अध्याय बताया है। लोगों का मानना है कि यदि योजनाएं तय समय पर पूरी होती हैं, तो गिरिडीह राज्य के अंदर एक प्रसिद्ध इको-डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा।

इस मौके पर झामुमो जिला अध्यक्ष संजय सिंह महा लाल सोरेन शाहनवाज अंसारी फॉरेस्टर अमर विश्वकर्मा वन रक्षा समिति अध्यक्ष कालेश्वर सोरेन, शमीम, प्रधान मुरमुर सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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