सरेंडर: पति-पत्नी नक्सली शिवलाल व सरिता ने किया आत्मसमर्पण
Last Updated on October 8, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। पुलिस लाइन में गिरिडीह पुलिस के समक्ष पति-पत्नी दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास योजना नई दिशा, एक नई पहल के प्रभाव से भाकपा (माओवादी) संगठन को बड़ा झटका लगा है।

संगठन के एरिया कमेटी सदस्य शिवलाल हेम्ब्रम उर्फ शिवा और उनकी पत्नी दस्ता सदस्य सरिता हांसदा उर्फ उर्मिला ने पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सीआरपीएफ 154 बटालियन कमांडेंट, डुमरी एसडीपीओ सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया। वहीं शिवलाल हेम्ब्रम 25 वर्ष, निवासी टेसाफुली थाना मधुबन, वर्ष 2017 से संगठन से जुड़े थे। शुरुआत में वह संतरी और रसोइए की भूमिका में रहे, इसके बाद माओवादी कमांडर करम दा उर्फ विवेक के अंगरक्षक बने और 2022 में एरिया कमेटी सदस्य बना दिए गए। इस दौरान उन्होंने विस्फोटक और हथियार छिपाने, ग्रामीणों से लेवी वसूली और पुलिस बलों पर हमलों जैसी कई नक्सली गतिविधियों में हिस्सा लिया।

वहीं उनकी पत्नी सरिता हांसदा 19 वर्ष, निवासी चतरो थाना खुखरा, को 2020 में संगठन में शामिल किया गया था। 2024 में दोनों ने विवाह किया। पुलिस के अनुसार, संगठन में वरिष्ठ नेताओं द्वारा शोषण और ग्रामीणों पर अत्याचार से परेशान होकर तथा लगातार पुलिस कार्रवाई के दबाव में दोनों ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।पुलिस ने बताया कि शिवलाल पर गिरिडीह, डुमरी, खुखरा, मधुबन, चतरोचट्टी और जगेश्वर विहार थाना क्षेत्रों में हत्या, विस्फोटक अधिनियम, यूएपीए और आर्म्स एक्ट सहित 11 मामले दर्ज हैं। सरिता पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आत्मसमर्पण के बाद दोनों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ प्रदान किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस आत्मसमर्पण से माओवादी संगठन को गहरी चोट पहुंचेगी और अन्य नक्सली भी मुख्यधारा में शामिल होने की ओर प्रेरित होंगे। गिरिडीह पुलिस ने इसे जिले में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया है।
