माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर समाज कल्याण विभाग का समाहरणालय सभागार में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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Last Updated on May 28, 2025 by Gopi Krishna Verma

एक नज़र:

  • जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकें
  • कार्यशाला में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, श्रीमती स्नेह कश्यप ने किशोरियों को सशक्त बनाने और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी
  • इस वर्ष का थीम “Coming Together For Period Friendly World” रखा गया है
  • किशोरियों के बीच हाइजिन कीट का वितरण किया गया तथा 05 किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।

गिरिडीह। “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान” के अंतर्गत माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर समाज कल्याण विभाग के द्वारा समाहरणालय सभागार में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आयोजित कार्यशाला में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के उद्देश्य, मुख्य स्तंभ, माहवारी से जुड़े तथ्य, सुरक्षित माहवारी न होने के दुष्प्रभाव तथा बीमारी और संक्रमण का खतरा, किशोरी और महिलाओं के लिए माहवारी संबंधी चुनौतियां समेत विभिन्न बिंदुओं पर पीपीटी के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया गया।

प्रेजेंटेशन के जरिए बताया गया कि माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कैसे स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही किशोरी, बालिकाओं तथा महिलाओं के साथ लिंग भेद से होने वाले सामाजिक दुष्परिणाम एवं माहवारी स्वच्छता प्रबंधन और लैंगिक समानता पर चर्चा की गई तथा सेनेटरी पैड और हाइजिन कीट का वितरण किया गया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, स्नेह कश्यप ने कहा कि महिलाओं को मेंस्ट्रुएशन यानी माहवारी के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस (मेंस्ट्रुएशन हाईजीन डे) मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे का उद्देश्य लड़कियों या महिलाओं को पीरियड्स यानी महीने के उन पांच दिनों में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए जागरूक करना तथा समुदाय में माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकें।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष का थीम “Coming Together For Period Friendly World” रखा गया है। इसके अलावा किशोरी और महिला के लिए माहवारी के दौरान रक्त को अवशोषित करने के लिए स्वच्छ और साफ़ अवशोषक (सेनेटरी पैड, सूती कपडा, तक पहुंच, संस्थान एवं समुदाय स्तर पर इसकी उपलब्धता में नियमितत्ता, साथ ही जितनी बार आवश्यक हो, गोपनीयता में बदलने हेतु व्यव (शौचालय), शारीरिक साफ सफाई हेतु जानकारी, हाथ धोने के लिए जल और साबुन की उपलब्धता तथा इस्तेमाल किये गए अवशोष सुरक्षित निपटान की सुविधाओं तक पहुंच, यह सभी मुख्य रूप से होना आवश्यक है।

कार्यशाला के दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने किशोरियों के बीच हाइजिन कीट का वितरण किया तथा 05 किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया। जिसमें सुमन कुमारी, संगीता कुमारी, रनधनी टुडु, काजल कुमारी तथा अंजली कुमारी शामिल है।

यूनिसेफ की प्रतिनिधि ने कहा कि “महामारी के दौरान संसाधनों की आपूर्ति के माध्यम से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने में यूनिसेफ प्रमुख विभागों का लगातार सहयोग कर रहा है। माहवारी स्वच्छता आवश्यक है और इसी उद्देश्य के साथ महिलाओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए सेनेटरी पैड का वितरण किया गया है।

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