गिरिडीह में श्रम संगठनों के द्वारा श्रम संहिता के विरोध में प्रदर्शन
Last Updated on November 26, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। बुधवार को गिरिडीह ज़िले में एलआईसी गिरिडीह कार्यालय के सामने अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ सहित कई श्रमिक संगठनों के द्वारा श्रम संहिता लागू होने के विरोध में द्वार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 21 नवंबर, 2025 को चारों श्रम संहिता (लेबर कोड्स) को अधिसूचित कर दिया।

देश के तमाम केंद्रीय श्रम संगठनों के द्वारा वेज कोड 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020, सोशल सेक्रूटी कोड 2020 तथा व्यावासिक सुरक्षा और कार्य परिस्थिति कोड 2020 का पिछले 5 वर्षों से विरोध किया जा रहा हैं। ट्रेड यूनियनों ने इन चारों लेबर कोड वापस लेने की मांग की थी। ये लेबर कोड मज़दूरों कि जगह कारपोरेट के हित में है। इससे नौकरी की गारंटी खत्म हो जाएगी। मालिकों के लिए फैक्टरी बंद करना आसान हो जायेगा एल मजदूर संगठन बनाना मुश्किल कर दिया गया, भविष्य में स्थाई नौकरी की जगह कॉन्ट्रेक्ट पर बहाली की जाएगी। कार्य अवधि को बढ़ा दिया जाएगा। इन संहिता के लागू होने पर मज़दूरों और कर्मचारियों के अधिकार, वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि खतरे में पड़ जाएगा।

बीएसएसआरयू के सचिव मृदुल कांति ने कहा कि एनडीए गवर्मेंट बिहार विधान सभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत से उत्साहित होकर चारों श्रम संहिता को लागू कर रही हैं। इसके द्वारा ईपीएफ में नियोक्ता की भागीदारी को 12 % से कम कर 10 % कर दिया। मजदूरों के मौलिक अधिकार हड़ताल को समाप्त कर दिया जाएगा। केंद्र की एनडीए सरकार लेबर कोड को लागू कर सिद्ध कर दिया कि सरकार मजदूर, किसान और जनता विरोधी तथा कॉरपोरेट हितेषी है।

कार्यक्रम में संजय शर्मा, विजय कुमार, राजेश कुमार उपाध्याय, उमानाथ झा, स्वेता, विनय कुमार, देवनाथ दास, प्रीतम कुमार मेहता माहेश्वरी वर्मा, नीतीश कुमार गुप्ता, स्वेता कुमारी, अंशु सिंघानिया, सबा प्रवीण, नीरज कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, प्रदीप प्रसाद, घनश्याम साव, बीएसएसआर यूनियन गिरिडीह के सचिव पर्थो ज्योति देवाशीष, सौरभ कुमार, रमेश कुमार, मनोज सिंह, जय प्रकाश, विकाश कुमार, विजय मंडल, संजय गुप्ता, राजेश कुमार सहित कई कर्मचारियों ने भाग लिया।
