भुनेश्वर में आयोजित भारतीय भाषाओं के महासंगम में गिरिडीह से कवि नेतलाल हुए शामिल

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Last Updated on November 18, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। ओडिशा के भुवनेश्वर में 15–17 नवंबर तक आयोजित परिचय लिटरेचर फेस्टिवल भारतीय भाषाओं और सृजनात्मक अभिव्यक्तियों का प्रभावशाली उत्सव सिद्ध हुआ। डॉ. रोज़लिन पट्टसानी मिश्रा और श्री प्रियदर्शी मिश्रा के नेतृत्व तथा डॉ. फनी महांति के मार्गदर्शन में सम्पन्न इस आयोजन में 22 भाषाओं के 200 से अधिक कवि और अनुवादक शामिल हुए। अनूदित पुस्तकों का लोकार्पण, साहित्यिक संवादों और काव्य पाठ ने उत्सव को विशिष्ट ऊँचाई प्रदान की।

झारखंड से नेतलाल यादव, महादेव डुंगरियार और प्रेमचंद ओरांव ने जनजातीय साहित्य की सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। इनके साथ अंग्रेज़ी अनुवादक देवीदत्त सरंगी, हिंदी कवि प्रो. मुकुंद रविदास तथा बहुभाषी कवि और अनुवादक एवं एक्जीक्यूटिव कमेटी सदस्य डॉ. संघमित्रा राएगुरु ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ओडिशा विधानसभा की स्पीकर सुरमा पाढ़ी, केंद्रीय साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव, भाषाविद् देवीप्रसन्न पटनायक और प्रख्यात समीक्षक प्रो. प्रफुल्ल महंती की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह को विशेष महत्व प्रदान किया।

पूरे आयोजन का सुसंगठित और कलात्मक संचालन डॉ. संघमित्रा राएगुरु, पारमिता सरंगी और डॉ. सोनाली साहू ने किया। वहीं एक्जीक्यूटिव मेंबर इंजीनियर जामिनिकांत दास और इंजीनियर सरोज मोहापात्र का योगदान भी विशेष रूप से सराहनीय रहा।

परिचय लिटरेचर फेस्टिवल इस वर्ष भी भारतीय साहित्य की विविध भाषाई धाराओं को एक मंच पर समाहित करते हुए समावेश, संवाद और सांस्कृतिक एकता का सशक्त प्रतीक बना।

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