निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु CRP-BRP का DIET में एक दिवसीय प्रशिक्षण

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Last Updated on December 18, 2025 by Gopi Krishna Verma

कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 1 एवं 2 के सभी बच्चों में पढ़कर समझने का कौशल विकसित करना है

गिरिडीह‌। निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिला परियोजना कार्यालय गिरिडीह के नेतृत्व एवं रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के तकनीकी सहयोग से गिरिडीह जिले में बुनियादी साक्षरता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 1 एवं 2 के सभी बच्चों में पढ़कर समझने का कौशल विकसित करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति एवं निपुण भारत मिशन के सफल क्रियान्वयन हेतु गिरिडीह जिले के सभी प्रखंड एवं संकुल साधन सेवियों का एक दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में आयोजित किया गया।

दिनांक 17 दिसम्बर को गिरिडीह, बेंगाबाद, गांडेय, जमुआ, पीरटांड एवं देवरी प्रखंडों के लिए प्रशिक्षण हुआ। वहीं दिनांक 18 दिसम्बर को डुमरी, बगोदर, सरिया, बिरनी, तीसरी, गावां एवं धनवार प्रखंडों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ DIET प्राचार्य कुमारी कंचन कुमारी, उप प्राचार्य आशीष दुबे एवं डिस्ट्रिक्ट लीड सुजीत कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्राचार्य महोदया ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि निपुण भारत मिशन केंद्र एवं राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका प्रभावी क्रियान्वयन सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें प्रखंड एवं संकुल साधन सेवियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रशिक्षण के दौरान “निपुण गिरिडीह अभियान” की आवश्यकता, लक्ष्य, प्रक्रिया एवं संकुल साधन सेवियों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रतिभागियों को मिशन मोड में कार्य करने, शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने, सहायक सामग्री के उपयोग एवं दैनिक प्रैक्टिस टाइम के आयोजन पर बल दिया गया। शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ‘मेरा विद्यालय निपुण’ एवं ‘मैं भी निपुण’ कार्यक्रम के डाटा के आधार पर प्रखंडवार विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। बुनियादी साक्षरता के लक्ष्यों की प्राप्ति में आ रही चुनौतियों की समीक्षा की गई।

प्रतिभागियों को निर्देशित किया गया कि कक्षा 1 एवं 2 के शिक्षक प्रतिदिन शिक्षक हस्तपुस्तिका के माध्यम से कार्य करें ताकि साप्ताहिक कार्य योजना के अनुरूप शिक्षण सुनिश्चित हो सके। असेसमेंट कैलेंडर, पठन अभ्यास से जुड़ाव एवं सपोर्टिव सुपरविजन की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की गई।

बताया गया कि बच्चों के लर्निंग आउटकम और शिक्षकों के सतत क्षमतावर्धन के लिए कक्षा अवलोकन, फीडबैक एवं स्पॉट टेस्ट तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं। प्रशिक्षण में रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के उमा शंकर शर्मा, पियूष पाण्डेय, सनी कुमार, उत्तरा नाथ, अनिल भारती एवं सुनील कुमार यादव उपस्थित रहे।

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