केंद्रीय श्रम संगठनों के आवाहन पर एलआईसी कर्मियों की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल संपन्न
Last Updated on July 9, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। 10 केंद्रीय श्रम संगठनों तथा अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आवाहन पर एल आई सी के तमाम कर्मचारियों ने एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुआ। इस हड़ताल की अध्यक्षता शाखा अध्यक्ष संजय शर्मा तथा नेतृत्व सचिव धर्म प्रकाश ने किया। इस हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय जनता दल सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने अपना नैतिक समर्थन दिया। सरकार की जन विरोधी नीतियां विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के इकाइयों का निजीकरण तथा मेहनतकश की कड़ी मेहनत से अर्जित अधिकारों पर हमले के जरिए श्रमिक कानून को नियोक्तापरक बनाने और सार्वजनिक संपदाओं को पूंजीपत्तियों के हाथों में बेचने के विरोध में यह हड़ताल है।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि एलआईसी के परिप्रेक्ष्य मैं यदि हम देखें तो केंद्र सरकार एलआईसी का 6.30 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी को बेचने के लिए आतुर है। केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में एल आई सी एक्ट अमेंडमेंट बिल, इंश्योरेंस लॉ अमेंडमेंट बिल और आईआरडीए एक्ट अमेंडमेंट बिल पेश करने के लिए तत्पर है। बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 74% से बढ़कर 100 % तक करने की सरकार की जिद समझ से पड़े हैं, क्योंकि जब 74% एफडीआई है तब देश में बीमा क्षेत्र में मात्र 32% ही एफडीआई आ पाया है। साथ ही साथ बैंक, साधारण बीमा कंपनियों एवं सार्वजनिक उपकरणों के तेजी से निजीकरण करने के विरोध में यह हड़ताल रखा गया है।
एलआईसी मैं 2012 के बाद उप कर्मचारी और सफाई कर्मियों की बहाली नहीं हुई है जबकि हमारी संस्था में काफी वर्ग 3 और वर्ग 4 कर्मचारियों की रिक्तियां हैं इसलिए इस हड़ताल के माध्यम से हम लोग वर्ग 3 और 4 कर्मचारियों की बहाली हेतु प्रक्रिया अभिलंब प्रारंभ करने मांग करते हैं। देश में बेरोजगारी और महंगाई काफी बढ़ी है। केंद्र सरकार के गलत कृषि नीति के कारण देश में किसानों की आत्महत्या बढ़ी है तथा कृषि उपज घटा है। आज हमारी मुख्य समस्या बेतहाशा महंगाई ,प्रचंड बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। इन क्षेत्रों में निजीकरण की नीतियों को लागू होने से आम जनता का जीवन दूभर हो गया है। इस हड़ताल के माध्यम से इन तमाम जन सरोकार के मुद्दों को उठाया जाएगा।

यह हड़ताल सरकार के जन विरोधी मजदूर विरोधी किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है। तमाम श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार से इस हड़ताल के माध्यम से मांग करती है कि न्यूनतम मजदूरी 26000 रुपया मासिक किया जाए, नई पेंशन नीति को समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति को फिर से बहाल किया जाए, चार श्रम कोड को समाप्त कर फिर से 29 श्रम कानूनों को देश में लागू किया जाए। एल आई सी में इस हड़ताल को एल आई सी क्लास वन ऑफिसर एसोसिएशन ,विकास अधिकारी संघ, पेंशनर एसोसिएशन, लियाफी अभिकर्ता संघ का नैतिक समर्थन मिला है।
इस कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष संजय शर्मा सचिव धर्म प्रकाश, मंडलीय संगठन सचिव अनुराग मुर्मू, सहायक सचिव प्रवीण कुमार हंसदा, संयुक्त सचिव विजय कुमार तथा राजेश कुमार उपाध्याय, कुमकुम बाला वर्मा, उमानाथ झा, विनय कुमार, रोशन कुमार, श्वेता, राजेश कुमार, विजय कुमार, प्रभाष कुमार शर्मा, देवनाथ दास, अनिल कुमार वर्मा, कुलजीत कुमार, रवि, श्वेता कुमारी, अंशु कुमारी, सिंघानिया, सबा परवीन, संहिता सरकार, डेनियल मरांडी, नीतीश कुमार गुप्ता, प्रीतम कुमार मेहता, माहेश्वरी वर्मा, अभय कुमार, गौरव कुमार सिंह, नीरज कुमार सिंह, संजय कुमार शर्मा, प्रदीप कुमार, प्रदीप प्रसाद, पंकज कुमार, विजय मंडल, नागेश्वर साव, संजय गुप्ता सहित दर्जनों कर्मचारियों ने भाग लिया।