मनरेगा कर्मी जेई, एई व बीएफटी को नौ महीने से मानदेय नहीं

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Last Updated on October 25, 2025 by Gopi Krishna Verma

दुर्गोत्सव, दीवाली व अब लोकआस्था का महापर्व छठ भी गुज़रेंगे फांके में

मनरेगा, झारखंड। मनरेगा के अनुबंधित अधिकारियों जैसे एई (असिस्टेंट इंजीनियर), जेई(जूनियर इंजीनियर) व बीएफटी (बेयर फुट तकनीशियन) का छठ पूजा, दुर्गोत्सव व दीवाली की तहर बेरंग गुजरने वाली है। क्योंकि इन लोगों का मानदेय भुगतान बीते फरवरी यानी नौ महीने से नहीं हुई है। इतने दिनों से मानदेय नहीं मिलने से उक्त कर्मियों के घर-परिवार व बच्चे हिंदूओं के इन महत्वपूर्ण त्योहारों में भी निराश होकर रह गए हैं। कई कर्मियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि अब तो स्थिति ऐसी बन गई है कि कोई उधार भी देने को तैयार नहीं है। दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार में बच्चों के लिए कपड़े नहीं खरीद पाने और दीवाली में पटाखे नहीं खरीद पाने का मलाल ने उन लोगों को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। अब तो छठ जैसे लोक आस्था का महापर्व भी उदासीन ही गुजरने वाली है।

गिरिडीह में 56जेई, 11एई व 62 बीएफटी कर्मियों का एक करोड़ 73 लाख 56 हजार पांच सौ बकाया:

बताते चलें कि जिले में 56 जेई का 98 लाख 28 हजार; 11 एई का 22 लाख 27 हजार पांच सौ और 62 बीएफटी का 53 लाख एक हजार सहित कुल एक करोड़ 73 लाख 56 हजार पांच सौ रुपए सरकार के उपर बकाया है। मानदेय नहीं मिलने के कारण उक्त कर्मियों को जीने के लाले पड़ रहे हैं। इससे उनलोगों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है जो कभी भी आंदोलन का रुप ले सकती है। ओर कहीं यदि ऐसा हुआ तो इससे मनरेगा के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

केंद्र सरकार के नई विधि एसएनए स्पर्श मॉड्यूल से भुगतान के कारण हो रही परेशानी: 

बताते चलें कि पहले मनरेगा में सामग्री मद के आवंटन का अभाव था। जब आवंटन आया, तो केंद्र सरकार की नई भुगतान प्रणाली ने स्थिति और पेचीदा बना दी। दरअसल, मनरेगा अधिकारियों और कर्मियों की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने एसएनए (सिंगल नोडल एजेंसी) स्पर्श मॉड्यूल से भुगतान का आदेश दिया है। इससे मानदेय भुगतान की प्रक्रिया बढ़ गई है और ससमय भुगतान नहीं हो पा रहा है। 

अनुबंधित कर्मियों का कहना है कि केंद्र प्रायोजित इस महत्वाकांक्षी योजना में मानदेय भुगतान को लेकर इतनी खराब स्थिति पहले कभी नहीं रही।

बताते चलें कि मनरेगा कर्मी जेई, एई व बीएफटी का भुगतान मनरेगा के सामाग्री मद से होता है। वहीं मनरेगा के बीपीओ( ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर), रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटरों का भुगतान प्रशासनिक मद से किया जाता है। नई विधि से उक्त सभी कर्मियों का भुगतान ट्रेज़री से होता है। झारखंड में ट्रेज़री ऑनलाइन नहीं है। इससे भुगतान में ओर अधिक विलंब होता है।

जमुआ एई ने कहा पांच महीने का हुआ एफटीओ, परंतु भुगतान नहीं: 

जमुआ एई आकाश गुप्ता ने कहा कि सूचना के तहत पांच महीने के मानदेय भुगतान के लिए एफटीओ( फंड ट्रांसफर ऑर्डर) हुआ है; परंतु नई विधि में भुगतान प्रक्रिया बढ़ने के कारण अबतक कर्मियों के खाते में राशि हस्तांतरित नहीं हो पाया है।

डीडीसी ने नहीं उठाया फोन:

डीडीसी स्मृता कुमारी से मनरेगा कर्मियों का मानदेय भुगतान नहीं होने का उचित कारण जानने के लिए शनिवार को कई दफे कॉल की गई;  परंतु उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया गया।

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