मंत्री सुदिव्य ने झंडा मैदान में किया झंडोत्तोलन

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Last Updated on August 15, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज झंडा मैदान में आयोजित मुख्य समारोह स्थल झंडा मैदान में मुख्य अतिथि सुदिव्य कुमार मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार के द्वारा ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई।

मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर झंडा मैदान, गिरिडीह के इस मंच पर उपस्थित सभी सम्मानित अतिथिगण, अधिकारीगण, मीडिया बंधु एवं ध्वजारोहण हेतु उपस्थित गिरिडीह जिले के तमाम नागरिकों को जोहार एवं अभिनंदन। सर्वप्रथम स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम सभी एक दूसरे को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। इस मंच से हम उन तमाम स्वतंत्रता सेनानियों को विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर हमें आज ही के दिन 15 अगस्त, 1947 को अग्रेजों से आजादी दिलाई। साथ हीं आजाद भारत के सपने को साकार करने के लिए हम उन महापुरुषों को हृदय से नमन करते हैं, जिनके अथक संघर्ष एवं बलिदान से इस महान राष्ट्र का निर्माण हुआ है। यह उन्हीं संघर्ष और बलिदान का परिणाम है कि आज भारत विकास के पथ पर चलकर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को अग्रसर है तथा जल्द हीं हम विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होंगे।

गिरिडीह की जिस पावन धरती पर हम सब मौजूद हैं, वह ज्ञान और तपस्या की धरती रही है। खनिजों से परिपूर्ण, वन क्षेत्रों से आच्छादित नित्य बादलों को चूमने वाले सम्मेद शिखर की यह धरती विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान रखती है। महान वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चन्द्र बसु एवं महान सांख्यिकिविद् प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस का संबंध भी गिरिडीह की धरती से रहा है।

गिरिडीह के स्वतंत्रता सेनानियों में से स्व० बजरंग सहाय, स्व० श्याम सुंदर सिंह, स्व० हाजी दिलदार अली, स्व० राजन सिंह, स्व० अब्दुल रजाक, स्व० सदानंद प्रसाद का भी उल्लेख पूरी श्रद्धा से करना चाहूँगा, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। बीते कई वर्ष गिरिडीह जिला के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा है। गिरिडीह जिला में सभी पर्व-त्यौहार एवं सामाजिक कार्यक्रम सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए हैं। निश्चय हीं स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर हमें अपनी उपलब्धियों पर गौरवान्वित होना चाहिए। साथ हीं आज का दिवस, बेहतर कल के लिए चुनौतियों और समस्याओं का मंथन कर विविधता में एकता तथा प्रगति के नये आयाम स्थापित करने के लिए संकल्प लेने का भी दिन है। गिरिडीह जिला प्रशासन सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।

समाज के सभी वर्गों को हर संभव आर्थिक सहायता, सबको शिक्षा प्रदान करना, युवाओं को रोजगार प्रदान करना, महिला सुरक्षा, कृषि कार्य एवं जिले का सर्वांगीण विकास करना हमारी सरकार का दायित्व है। हम सभी गरीबों और विकास से वंचित व्यक्तियों को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिये निरंतर प्रयासरत हैं। हमारा प्रयास है कि झारखण्ड का हर नागरिक विकास की मुख्यधारा से जुड़े और आगे बढ़े। पिछले वर्षों में जिलान्तर्गत हमने कई योजनाएँ क्रियान्वित की हैं, जैसे-स्वास्थ्य के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में मुख्यमंत्री गम्भीर बीमारी योजना के तहत् 116 मरीजों को 4.50 (चार करोड़ पचास लाख) रुपये की सहायता दी गई।23785 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ और 322 कुपोषित बच्चों का उपचार किया गया। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया नियंत्रण में है।

गिरिडीह सदर अस्पताल में डिजिटल एक्स रे, डायलिसिस यूनिट और आर०टी०पी०सी०आर० जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं। रक्त अधिकोष, सदर अस्पताल, गिरिडीह द्वारा माह जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक कुल-5934 यूनिट रक्त संग्रह कर लाभुकों को निःशुल्क प्रदान किया गया। जिले में उपलब्ध निधि से नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु गिरिडीह जिला के सरकारी अस्पातालों में 60 अद्द Radiant Heat Warmer उपलब्ध कराया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में माध्यमिक परीक्षा 2025 में जिले के 93.39 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण हुए। इंटरमीडिएट (कला) की परीक्षा में 94.57 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण हुए। इंटरमीडिएट (विज्ञान) की परीक्षा में 83 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण हुए।इंटरमीडिएट (वाणिज्य) की परीक्षा में 93.29 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण हुए। कक्षा 1 से 10 में अध्ययनरत कुल 395565 छात्र/छात्राओं को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करायी गयी है। कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत कुल 38969 छात्र/छात्राओं को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करायी गयी है। कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत 346725 बच्चों को स्कूल बैग उपलब्ध कराया गया है। जिले में उपलब्ध निधि से भी 52 स्मार्ट क्लास, Mini Science Lab, STEM Lab, Child Friendly Element अधिष्ठापित किये गए तथा वाटर कूलर सह प्यूरीफायर, ग्रीन चॉक बोर्ड, बुक शेल्फ जैसे संसाधन विद्यालयों को उपलब्ध कराये गए।

सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में लगभग 345000 लाभुकों को विभिन्न पेंशन योजनाओं से आच्छादित किया गया। राज्य की बहू-बेटियों को सम्मान पूर्वक जीने हेतु झारखण्ड मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना के तहत् प्रति लाभुक 2500 रू0 की सम्मान राशि लगभग 460000 (चार लाख साठ हजार) लाभुकों को प्रदान की गई।कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में झारखण्ड सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीब गृहविहीन लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु अबुआ आवास योजना प्रारंभ किया गया है, जिसमें तीन कमरे का पक्का मकान एवं रसोई घर हेतु 2,00,000/- रू0 का सहयोग राशि का प्रावधान किया गया है।गिरिडीह जिला को वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 अन्तर्गत कुल 56,390 लक्ष्य के विरूद्ध 53,468 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है तथा 8,223 आवास पूर्ण कर लिया गया है।

मनरेगा के अन्तर्गत बिरसा हरित ग्राम आम बागवानी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 3,633 एकड़ में आम एवं मिश्रित फल बागवानी की योजना संचालित की जा रही है। बिरसा सिंचाई कूप सम्वर्द्धन मिशन के तहत कुल लक्ष्य 8386 के विरूद्ध 8128 कूप की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 7218 कूप में कार्य प्रारम्भकर 371 कूप को पूर्ण करा लिया गया है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत् प्राप्त कुल लक्ष्य 1197 योजनाओं को स्वीकृत कर 810 योजनाओं में कार्य प्रारम्भकिया गया, जिसमें से 504 योजनाओं को पूर्ण करा लिया गया है। 50.49 लाख मानव दिवस सृजन के साथ मनरेगा के तहत् 142.70 करोड़ का व्यय किया गया है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत जिला के सभी प्रखण्डों में विभिन्न योजनाएं यथा बकरा विकारा योजना, सूकर पालन योजना, बैक्यार्ड लेयर कुक्कुट पालन योजना, ब्रॉयलर कुक्कुट पालन योजना एवं बतख चूजा वितरण इत्यादि से ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लगभग 1,40,000 किसानों को लाभान्वित किया गया। पेयजल और स्वच्छता के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में गिरिडीह जिले में ग्रामीणों को शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 29 अदद बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना एवं 10646 अद्द एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना कार्य कराया जा रहा है।72.75% घरों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा दी गई। 510 गाँवों को ODF प्लस घोषित किया गया। महिला और समाज कल्याण के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में सवित्री बाई फूले किशोरी समृद्धि योजना अंतर्गत लगभग 67000 बालिकाओं को आच्छादित किया गया।मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से वर्ष 2024-25 में 748 एवं वर्ष 2025 26 में अब तक 68 योग्य लाभुकों / कन्याओं को लाभन्वित किया गया।

दिव्यांगजनों के लिए ट्राईसाईकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, ब्लाईड स्टीक एवं श्रवण यंत्र वितरित कराया जायेगा।राज्य सरकार के विधवा पुनर्विवाह योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में डुमरी प्रखण्ड के श्रीमती किरण कुमारी, पिता दयालचन्द महतो, ग्राम-लक्ष्मणटुण्डा, डुमरी, गिरिडीह को आच्छादित करते हुए इनके खाते में एक मुस्त 200000/- (दो लाख) रूपये हस्तांतरित किया गया।जिले में उपलब्ध निधि से छोटे बच्चों के पोषण और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए 130 आंगनबाड़ी केंद्रों में स्मार्ट टी.वी., 50 मॉडल आंगनबाडी केन्द्रों में नये तकनीकी का प्रयोग कर शिक्षा में सुधार हेतु Digital Mat एवं Display Screen का अधिष्ठापन कराया गया।फूलो-झानों आशीर्वाद योजनान्तर्गत दारू-हँड़िया बनाने और बेचने वाले कुल 1686 दीदियों/महिलाओं का चयन JSLPS के माध्यम से करते हुए इन्हें SHG से जोड़ा गया और वैकल्पिक रोजगार हेतु 10000 रू0 का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया।

20660 सखी मंडल बनाकर 2.38 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया। हेचरी युनिट की स्थापना, सेनेटरी नैपकीन, डिटरजेंट सोप, वाशिंग पाउडर, हँडवॉश का निर्माण, बम्बू कॉफ्ट, टमाटर कैचअप, दाल मील, मशाला यूनिट एवं आचार निर्माण का कार्य सखी मंडल द्वारा किया जा रहा है।जिले में उपलब्ध निधि से रोजगारोन्मुख गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं महिला सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों को लगभग 200 अद्द सिलाई मशीन उपलब्ध कराया गया है।SC, ST, OBC एवं अल्पसंख्यक कल्याण के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ी जाति के छात्र/छात्राओं को प्री-मैट्रीक एवं पोस्ट मैट्रीक छात्रवृति दी जा रही है।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं के बीच साईकिल वितरण कराया जा रहा है। अनुसूचित जनजातियों के लिए मांझी हाउस का निर्माण कराया जा रहा है तथा इनके जाहेरथान घेराबंदी का कार्य भी कराया जा रहा है। साथ हीं अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान घेराबन्दी का कार्य भी लाभुक समिति के माध्यम से कराया जा रहा है।पर्यटन और खेलकूद के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में 42 धार्मिक / प्राकृतिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया है। उसरी वाटरफॉल को ईको-पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। खण्डोली डैम का भी आवश्यक पर्यटकीय विकास कार्य हेतु प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।

11 करोड़ की लागत से नए आउटडोर एवं इण्डोर स्टेडियम बनाया जा रहा है। कुल 178 ग्रामों में सिद्धू-कान्हू युवा खेल क्लब का गठन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा चुका है, जिनमें से 72 युवा खेल क्लब सोसाईटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत् निबंधित है तथा कुल 23 क्लबों के बैंक खाते में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु 25000 रू0 की निधि उपलब्ध कराई गई है।खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में गिरिडीह जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत् ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र में कुल 461325 लाभुकों को अंत्योदय कार्ड (पीला कार्ड), पीएचएच कार्ड (गुलाबी कार्ड) एवं हरा कार्ड से आच्छादित किया गया है।

पी.भी.टी.जी. डाकिया योजना अन्तर्गत बगोदर एवं सरिया प्रखण्ड में आदिम जनजाति लाभुक के पारिवारों को निर्गत अन्तयोदय कार्ड के तहत 35 किलोग्राम चावल /गेंहूँ पैकेट कर उनके घर तक निःशुल्क पहुँचाया जा रहा है।सभी प्रखंडो सहित जिला मुख्यालय में कुल 17 मुख्यमंत्री दाल-भात संचालित हैं, जिनमें एक समय का भोजन 05/ (पाँच) रू0 की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।सोना-सोबरन, धोती, साडी एवं लुंगी योजना के सभी प्रखंडों को प्रति परिवार 01 साडी तथा 01 धोती / लुंगी का 10 रूपये की दर से 462,294 लाभुकों के बीच वितरण किया जा रहा है।हमारी सरकार का लक्ष्य झारखण्ड को प्रगति के हर क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।

हमारा प्रयास होगा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाएँ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे। रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो तथा किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाय।आपके सहयोग की ताकत से निश्चित हीं हमारे प्रयास सफलीभूत होंगे। आइए हम सब एकजुट होकर संकल्प लें कि झारखंड को विकास और खुशहाली की नई उंचाइयों पर पहुँचाने का कार्य मिलकर करेंगे। इसके अलावा माननीय मंत्री, श्री सुदिव्य कुमार ने झारखंड राज्य के आंदोलनकारियों को शॉल ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही विधि व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं, जनता दरबार आदि कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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