गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह की दो दिन रही धूम

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Last Updated on October 9, 2025 by Gopi Krishna Verma

300 प्रतिभागी एवं 200 पदयात्रियों को किया गया सम्मानित

गिरिडीह। गिरिडीह में 6 एवं 7 अक्टूबर दो दिनों तक गांधी आगमन शताब्दी समारोह की धूम रही। 7 अक्टूबर को रात 9 बजे तक चले समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले 300 छात्र-छात्राओं के साथ-साथ पैदल यात्रा में शामिल होने वाले लगभग 200 यात्रियों को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया।
गॉंधी विचार और दर्शन को प्रोत्साहन के लिए 5 अक्टूबर 2025 को सर जेसी बोस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेन्स गिरिडीह में विद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता भाषण, लेख, चित्रकला, कोलाज, कविता पाठ और रंगोली प्रतियोगिताएं सीनियर तथा जूनियर संवर्ग में आयोजित की गई थी। 25 से ज्यादा विद्यालयों से 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने ली भागीदारी दी और गांधी के जीवन और दर्शन से संबंधित विभिन्न पक्षों से खुद को जोड़ते हुए अपनी कला की अभिव्यक्ति दी।


गिरिडीह महाविद्यालय सहित अन्य स्थानीय विद्यालयों ने भाषण संगोष्ठी के माध्यम से गांधी जी के विचार और दर्शन की ओर छात्रों को किया प्रोत्साहित। नगर भवन में ऐतिहासिक यात्रा के दौरान अनुभवों और अभिलेखों से संबंधित पुस्तिका गिरिडीह में गांधी’ का लोकार्पण हुआ।
ज्ञात हो कि 6 व 7 अक्टूबर 1925 को खरगडीहा व गिरिडीह में महात्मा गॉंधी का दो दिनों का प्रवास हुआ था। गिरिडीह के इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक घटना के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर जिला प्रशासन एवं गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह समिति गिरिडीह की ओर से यह भव्य समारोह का आयोजन किया गया था।
जिला स्तरीय केन्द्रीय आयोजन समिति के साथ-साथ खरगडीहा, चितरडीह, पचम्बा स्थित आयोजन समितियों के सभी सदस्यों ने अथक प्रयास से इस ऐतिहासिक अवसर और गौरव को संजोने में अहम भागीदारी निभाई।
पदयात्रा खरगडीहा से पचम्बा होकर गिरिडीह शहर होते हुए नगर भवन तक चली। 42 किलोमीटर लम्बी इसे दो दिन की यात्रा में 150 से अधिक पदयात्रियों के अलावे सैकड़ों ग्रामीणों ने ली भागीदारी दी।
यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने जगह-जगह पर पदयात्रा दल का स्वागत किया और गांधी यात्रा के दौरान अनुभवों पर चर्चा की।

कला व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन

एलईडी वाहन द्वारा महात्मा गांधी की जीवनी पूरी यात्रा के दौरान दिखाई गई।
स्थानीय कलाकारों ने स्वरचित मौलिक खोरठा गीतों और झूमर के माध्यम से ग्रामीणों को भरपूर मनोरंजन किया गया और गांधी इतिहास से लोगों को जोड़ा गया।

चितरडीह में गांधी विचार को लेकर रात्रि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मंत्री, खेल संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग, झारखण्ड सरकार सुदिव्य कुमार, युवा कवि एवं लेखक नीलोत्पल मृणाल, तथा गांधी दर्शन के शोधार्थी आयुष चतुर्वेदी ने संगोष्ठी के माध्यम से लोगों को वर्तमान समय में गांधी के मूल्यों के प्रति जागरूक किया एवं उपायुक्त गिरिडीह ने गांधी जी के ग्राम स्वराज अवधारणा स्थित विकेन्द्रीकृत विकास में लोक भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा की।
इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान शामिल गिरिडीह के उस समय के कुछ किशोर व युवा और बाद में इसी ऐतिहासिक यात्रा से प्रेरणा पाकर विख्यात स्वतंत्रता संग्राम की विभूतियों के परिवारजनों का समारोह में सम्मान किया गया।


महात्मा गांधी को 1925 की पचम्बा यात्रा के दौरान माहुरी समाज की ओर से दिए गए ज्ञापन की मूल प्रति को राजकिशोर गुप्ता जी के परिवार ने साझा किया और इसे ऐतिहासिक दस्तावेज में ज्ञापित किया गया।

आयोजन समिति इस शताब्दी समारोह में किसी भी रूप में शामिल सभी नागरिकों, पंचायत प्रतिनिधियों मीडिया सहित सभी को धन्यवाद और आभार ज्ञापित करती है।

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