गांडेय: कछेल के तेलखरी जंगल से तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार
Last Updated on December 30, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। ज़िले में साइबर अपराध के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत गिरिडीह पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर गांडेय थाना क्षेत्र अंतर्गत कछेल ग्राम के तेलखरी जंगल के आसपास सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ छापेमारी की गई। साइबर थाना, गिरिडीह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। इस संबंध में साइबर थाना कांड संख्या 43/25 दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में खुर्शीद अंसारी (25 वर्ष, निवासी धरलेट्टो, थाना गांडेय, जिला गिरिडीह), आलमगीर अंसारी (25 वर्ष, निवासी चेतनारी, थाना पथरोल, जिला देवघर) एवं मो. सराफत अंसारी (25 वर्ष, निवासी पिंडरी, थाना सारठ, जिला देवघर) शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 8 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 2 मोटरसाइकिल, 2 एटीएम कार्ड, 1 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड तथा 1 ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है।

अपराध शैली का खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे गूगल पर फर्जी मोबाइल नंबर डालकर स्वयं को फोनपे, पेटीएम, डेबिट कार्ड कस्टमर केयर, सैमसंग सर्विस, एसी सर्विस तथा गीजर इंस्टॉलेशन सर्विस के अधिकारी के रूप में प्रदर्शित करते थे। जब लोग इन नंबरों पर कॉल करते थे, तो आरोपी उन्हें अपने झांसे में लेकर साइबर ठगी को अंजाम देते थे। इसके अलावा वे एचडीएफसी समेत अन्य बैंकों के अधिकारी बनकर पासबुक अपडेट एवं एटीएम कार्ड भेजने के नाम पर लोगों को कॉल करते थे।आरोपी विभिन्न बैंकों व वॉलेट के फर्जी .apk फाइल का लिंक भेजकर लोगों के मोबाइल को अपने नियंत्रण में ले लेते थे और खातों से रकम उड़ा लेते थे। साथ ही फर्जी एटीएम व सिम कार्ड भी उपलब्ध कराते थे।

अपराधिक इतिहास व लाखों के अवैध संपत्ति
पुलिस जांच में सामने आया कि मो. सराफत अंसारी वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के सरकंडा थाना से साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है। इसके अलावा उत्तराखंड के रुद्रपुर थाना में उसके खिलाफ ऑनलाइन शिकायत संख्या 33512250023170 भी दर्ज है। मो. सराफत अंसारी द्वारा अब तक साइबर ठगी से लगभग 60 लाख रुपये अर्जित करने की बात सामने आई है तथा उसके पास एक महिंद्रा XUV 300 चार पहिया वाहन भी है। वहीं आलमगीर अंसारी द्वारा पिछले पांच वर्षों में करीब 25 लाख रुपये साइबर ठगी से अर्जित किए जाने का खुलासा हुआ है।
