वियतनाम के हनोई में डॉ. रणधीर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
Last Updated on October 1, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। जमुआ प्रखंड के नईटांड निवासी डॉ. रणधीर कुमार संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में हनोई, वियतनाम में 3 से 6 अक्टूबर 2025 तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
डॉ. रणधीर कुमार इस सम्मेलन में भाग लेंगे हेतु हनोई रवाना हो चुके है। इस सम्मेलन में पूरे विश्व के सैकड़ों प्रतिनिधि भाग ले रहे है एवं विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर अपना विचार रखेंगे। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि यूनिसेफ, यूनिस्को, वर्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, यूनाइटेड नेशन वीमन, यूनाइटेड पॉपुलेशन फण्ड , वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम जैसे प्रमुख संगठनों का प्रतिनिधिव करेंगे एवं संबंधित विषयों को प्रमुखता से रखेंगे। डॉ. रणधीर कुमार यूनाइटेड नेशंस एजुकेशन, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनिस्को) भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस सम्मेलन में डॉ. रणधीर भारत में शिक्षा, भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतीय संस्कृति, आदिवासी परम्परा, कला विषय पर प्रमुखता से बात रखेंगे एवं भारत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र से सहयोग की अपील करेंगे। इस दौरान डॉ. रणधीर इस सम्मेलन में “ शिक्षा,भारतीय ज्ञान प्रणाली, भारतीय परंपरा , संस्कृति और कला की संरक्षण में यूनिस्को की प्रासंगिकता “ विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे एवं अपना व्याख्यान देंगे।
ज्ञात हो बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ रणधीर कुमार गिरिडीह जिला के नईटांड निवासी पूर्व प्रधानाध्यापक, +2 उच्च विधालय जनता जरीडीह दिनेश्वर वर्मा के पौत्र एवं उच्च विद्यालय बड्डीहा के शिक्षक दीनदयाल प्रसाद के पुत्र है। इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईएम रांची, लंदन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस एडमिस्ट्रेशन जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की है। बहुत ही कम उम्र में शिक्षा एवं समाज कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु कई राज्य , राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त हो चुके है। अपने शिक्षा के साथ -साथ , महज़ 21- 23 वर्ष के उम्र में डॉ. रणधीर को आदिवासी पिछड़े इलाके में शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान हेतु यंग इंडिया फेलोशिप, झारखंड नागरिक सम्मान2016, राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान 2017, मानद डॉक्टरेट 2018,झारखंड रत्न सम्मान 2019, झारखंड श्री सम्मान समेत अनेक पुरस्कारों से नवाज़े जा चुके हैं।
डॉ. रणधीर के द्वारा आठ पुस्तकों का लेखन , पत्रिका एवं अख़बार का संपादन किया जा चुका है। डॉ. रणधीर ने 100 से अधिक नेशनल एवं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भाग ले चुके है जिसमे अपना शोध पत्र भी प्रस्तुत किया है । शिक्षा, युवा नेतृत्व , मानवाधिकार जैसे विषयों पर कई अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन कर चुके है। डॉ रणधीर कुमार के द्वारा कई शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं का स्थापना किया जा चुका है जिसमे नमन इंटरनेशनल फाउंडेशन ,एन एच आर सी सी बी एवं अन्य है। डॉ रणधीर कई महत्वपूर्ण संस्था मे बतौर सलाहकार एवं बोर्ड मेम्बर जुड़े है। देश के कई विश्विद्यालय, आयोग एवं संस्थाओं में बतौर वक्ता या गेस्ट फैकल्टी आमंत्रित किए जाते है। वर्तमान में डॉ. रणधीर झारखंड के महत्पूर्ण सरकारी संस्थान में अपनी सेवा दे रहे है।
बतौर चेयरमैन, एनएचआरसीसीबी, डॉ रणधीर कुमार सम्पूर्ण भारत में मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। इनके कुशल नेतृत्व में समाज के निचले पायदान पर खड़े शोषितों वंचित एवं कमजोर वर्ग केअधिकारो की रक्षा हेतु हज़ारों सदस्य कर कार्य रही है ।
डॉ. रणधीर ने इस उपलब्धि हेतु अपने प्रेरणा स्रोत दादा दिनेश्वर वर्मा (पूर्व प्रधानाध्यापक, +2 उच्च विधालय जनता जरीडीह ), दादी माँ स्मृति शेष सावित्री देवी, पिता दीनदयाल प्रसाद ( शिक्षक उच्च विधालय बद्दीहा) माता सावित्री देवी ( निदेशक – नमन इंटरनेशनल फाउंडेशन) चाचा बिनोद कुमार ( प्रभारी प्राचार्य +2 उच्च विद्यालय दुम्मा) विकास कुमार ( शिक्षक उच्च विद्यालय कबरियाबेड़ा, गिरिडीह ) डॉ. सुरेश वर्मा ( डिप्टी कमांडेंट गृह मंत्रालय भारत सरकार ) पत्नी सुजाता वर्मा, भाई संदीप वर्मा (समन्वयक – नमन इंटरनेशनल स्कूल रेम्बा) एवं समस्त परिवाजनों का आभार व्यक्त किया है।