डीडीसी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक, दिए गए जरूरी दिशा-निर्देश
Last Updated on December 18, 2025 by Gopi Krishna Verma
उप विकास आयुक्त ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 एवं जल जीवन मिशन अंतर्गत संचालित विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की कार्य प्रगति की बारी-बारी समीक्षा कर समयबद्ध तरीके से योजनाओं के क्रियान्वयन व संचालन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए

गिरिडीह। जिला उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देशानुसार आज समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की। बैठक में उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 एवं जल जीवन मिशन अंतर्गत संचालित विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की कार्य प्रगति की बारी-बारी समीक्षा कर समयबद्ध तरीके से योजनाओं के क्रियान्वयन व संचालन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना, खुखरा, पीरटांड़ एवं वैसी एकल एवं बहु ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाएं, जो पूर्ण रूपेण क्रियाशील है, उन योजनाओं को त्रि पक्षीय समझौते के तहत, ग्राम सभा आयोजित कर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया।

इसके अलावा सभी कनीय अभियंता एवं प्रखंड समन्वयक, अपने प्रखंड के सभी पंचायतों को ODF Plus / Model ( 5 स्टार ) पंचायत चिन्हित कर, model mark करना सुनिश्चित करेंगे। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए राशि का भुगतान, उन्ही लाभुकों को किया जाना है , जिन्होंने Twin Pit ( दो गड्ढे वाला शौचलय ) का निर्माण कराया है, क्युकी टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल होता है, पानी बचाता है, और खाद (मैन्योर) बनाता है जिसका इस्तेमाल खेती में किया जा सकता है, जिससे यह ग्रामीण इलाकों के लिए एक बेहतरीन और आत्मनिर्भर स्वच्छता समाधान है। पंचायतों में दिए गए, कचरा उठाव वाहन के नियमित संचालन एवं रखरखाव पर विशेष बल दिया गया एवं साथ मे एक निश्चित मासिक शुल्क दुकानदारों एवं बाजार से संग्रहण करने का निर्देश दिया गया।
बैठक मे प्रोजेक्ट GARV ( Gandey Action For Recycling Waste and Value Chain ) अंतर्गत, गांडेय बाज़ार में चलाये गए, Single Use Plastic को रोकने के अभियान को और तेजी से चलाने का निर्णय लिया गया। प्लास्टिक पृथक्करण शेड के निर्माण को पूर्ण करने, एवं इसके सही उपयोग करने पर विशेष बल दिया गया। उप विकास आयुक्त ने बताया की प्लास्टिक पृथक्करण शेड का मुख्य लाभ कचरा प्रबंधन को व्यवस्थित करना, पर्यावरण की रक्षा करना और पुनर्चक्रण प्रक्रिया को आसान बनाना है, जिससे प्लास्टिक कचरे को सड़कों, सीमेंट भट्टों (co-processing), या अन्य तकनीकों में उपयोग के लिए अलग किया जा सके, जिससे प्रदूषण कम हो, संसाधनों की बचत हो और समुदायों की स्वच्छता व सुरक्षा बढ़े। साथ ही मधुबन मे Plastic Waste Management Unit की स्थापना का आदेश दिया गया, जिसका उपयोग प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने, अलग करने, रीसायकल (पुनर्चक्रण) करने और उसका दोबारा उपयोग करने के लिए किया जायेगा, ताकि प्रदूषण कम हो, सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा हो, और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद (जैसे चिपबोर्ड, फर्नीचर के हिस्से) बनाए जा सकें, जिससे कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जा सके और चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को बढ़ावा मिले।

इसके अलावा उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने कंबल वितरण को पूरी समयबद्धता और प्राथमिकता के साथ वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, इसलिए राहगीरों/ज़रूरमंदो के बीच का कंबल का वितरण सुनिश्चित कराएं तथा कंबल वितरण में पूरी पारदर्शिता बरतें। उप विकास आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी अनुमंडल, प्रखंड एवं बुनियाद केंद्र पर उपलब्ध कराए गए कंबलों को ठंड के मद्देनजर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि आप क्षेत्र में स्वयं जाकर जरूरतमंद, असहाय एवं बेसहारा लोगों को अपने हाथों से कंबल दें।
बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल-2 अविक अम्बाला, प्रमंडल-1 के राहुल श्रीवास्तव, सभी सहायक अभियंता, कनिये अभियंता, स्वच्छ भारत मिशन, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, कनीय अभियंता, वीसी के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला एवं प्रखंड समन्वयक, UNICEF प्रतिनधि मौजूद रहे।
