उत्क्रमित मध्य विद्यालय गुरहा के हेडमास्टर को नहीं मालूम है राज्यपाल का नाम, वीडियो वायरल

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Last Updated on August 30, 2025 by Gopi Krishna Verma

ग्रामीणों का आरोप विद्यालय भवन को किराया पर दे रखें है प्रधानाचार्य

बिरनी। प्रखंड में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें एक स्थानीय यूट्यूब चैनल के पत्रकार उत्क्रमित मध्य विद्यालय गुरहा के प्रधानाध्यापक अनिल विश्वकर्मा से कई सवाल पूछते नजर आ रहे हैं, जब पत्रकार हेडमास्टर से झारखंड के राज्यपाल का नाम और झारखंड की आबादी पूछते हैं तो वे बगलें झांकने लगते हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में बनने वाले मध्याह्न भोजन को मेन्यू के हिसाब से बच्चों को नहीं दिया जाता है, जिसकी तस्दीक विद्यालय में अध्ययनरत एक नौनिहाल भी करता नजर आ रहा है उस छात्र के अनुसार कभी कभी दोपहर के भोजन में पौष्टिक आहार के बदले बिस्किट दिया जाता है।

बतौर ग्रामीणों के अनुसार प्रधानाचार्य के द्वारा स्कूल के कई कमरे को भी किराया पर लगाया है। जिसकी चाभी भी हेडमास्टर के पास नहीं रहती है साथ हीं कहा कि इस विद्यालय में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है छात्र-छात्राओं को शौच के लिए विद्यालय के पीछे खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है; क्योंकि हेडमास्टर के द्वारा शौचालय में ताला लगा दिया जाता है।

पढ़ाई के मामले में ग्रामीणों की नाराजगी साफ देखी गई जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस विद्यालय में पढ़ाई न के बराबर होती है, कक्षा तीन चार के बच्चे शुद्ध हिंदी नहीं पढ़ पाते है। जिसके वजह से अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को पास के निजी विद्यालयों में पढ़ाने पर मजबूर है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर इन मुद्दों पर विद्यालय के प्रधानाचार्य से पूछताछ की जाती है तब वे उनके बच्चों की छात्रवृत्ति या फिर कल्याण विभाग से मिलने वाली साइकिल का फार्म रोक दिया जाता है।

आपको बता दें कि विवादों से इस विद्यालय का पुराना नाता रहा है। कभी इसी विद्यालय के एक सरकारी शिक्षक के पुत्र को किसान का बेटा बता कर गरीब छात्र कोष के कोटा से छात्रवृत्ति प्रदान कर दिया जाता है तो कभी दूसरे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे का नाम इस विद्यालय के रजिस्टर में दर्ज है। अलबत्ता एक भी दिन उपस्थित नहीं रहने वाले छात्र का हस्ताक्षर भी उपस्थिति पंजी में दर्ज मिलता है। इतना हीं नहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार विश्वकर्मा विद्यालय में प्रयुक्त शिक्षण कीट से लेकर अन्य सामग्रियों की आपूर्ति अपने पुत्र के नाम से बने अवैध वेंडर के माध्यम से स्वयं करता है और आस पास विद्यालय में आपूर्ति करने पर हीं सारा ध्यान केंद्रित रखता है। वहीं जब स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि रामलखन वर्मा से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया कि गुरहा समेत चार गांव के बच्चे इस विद्यालय में पढ़ने आते हैं, जिसमें ग्रामीणों के द्वारा प्रधानाध्यापक अनिल विश्वकर्मा की कई शिकायतें मिली हैं जिस पर उनसे बात भी किया गया, परंतु कुछ दिनों के बाद वहीं हाल हो जाता है।

उक्त मामले में जब प्रधानाध्यापक अनिल विश्वकर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिन जिन लोगों ने मुझपर आरोप लगाए हैं उनके बच्चे इस विद्यालय में नहीं पढ़ते हैं। वाकई में प्रधानाध्यापक अनिल विश्वकर्मा का जवाब कुछ हद तक सही हो सकता है कि आरोप लगाने वाले कुछ ग्रामीणों के बच्चे इस विद्यालय में नहीं पढ़ते हैं; परंतु सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर उन अभिभावकों के बच्चे इस विद्यालय में क्यों नहीं पढ़ते क्योंकि यहां पर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं दी जाती है। खैर मामला जो भी हो जांच का विषय है। दहाड़ इंडिया वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

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