बिरनी: ग्रामीण ने पारा शिक्षक पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेवा देने का लगाया आरोप
Last Updated on December 22, 2025 by Gopi Krishna Verma

बिरनी। प्रखंड क्षेत्र के बलिया पंचायत के ग्राम खाखीपीपर में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय खाखीपीपर के पारा शिक्षक राजू अंसारी पर फर्जी दस्तावेज के साथ नौकरी करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण युनुस अंसारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी गिरिडीह को एक आवेदन देकर जांच करने का आग्रह किया है।

इस बीच आवेदन में उन्होंने खुलासा करते हुए कहा है कि पारा शिक्षक राजू अंसारी ने बतौर पारा शिक्षक के रूप में 2008 ईस्वी में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर योगदान दिया था, तब ग्रामीणों के आरोप पर उसके कागजात की विभागीय जांच की गई थी जो फर्जी पाई गई थी तब उसे बर्खास्त कर दिया गया था। दो वर्ष पश्चात 2010 में उक्त विद्यालय का प्रबंधन समिति का अध्यक्ष उसका भाई था जिसका फायदा उठा कर दिनांक 08 फरवरी, 2010 को हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद का बारहवीं साइंस के सेकेंड डिवीजन का फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर पुनः योगदान दे दिया।

वर्तमान में हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद का भी प्रमाण पत्र हटा कर फिर से देवघर हिंदी विद्यापीठ का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर फर्जी तरीके से विभाग की मिलीभगत से मानदेय का उठाव करता रहा है। मो. युनुस अंसारी ने आवेदन के साथ 2008 और 2010 दोनों बार के अनुमोदन की छाया प्रति संलग्न करते हुए इसकी उचित जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही का आग्रह किया है।
