बिजली बिल माफी के बीच एक उपभोक्ता का 78 हजार का आया बिल, विद्युत विभाग पर उठ रहे कई सवाल
Last Updated on August 27, 2025 by Gopi Krishna Verma
ग्रामीणों का आरोप कई कई घरों में 6 महीने तक नहीं होती है मीटर रीडिंग

बिरनी। प्रखंड के मंडरखा गांव में बिजली विभाग की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के कर्मचारी गांव में हर उपभोक्ता का मीटर रीडिंग करने नहीं आते। किसी-किसी उपभोक्ता की रीडिंग कर लौट जाते हैं, जबकि बाकी लोगों का महीनों तक रीडिंग नहीं होता।

ग्रामीणों ने बताया कि इसी लापरवाही का नतीजा है कि गांव के एक उपभोक्ता को हाल में 78 हजार रुपये का चौकाने वाला बिजली बिल थमा दिया गया है। उसका मीटर लगभग 9 से 10 महीने तक नहीं देखा गया था। जब उपभोक्ता ने इस बिल पर आपत्ति जताई, तो ऊर्जा मित्र ने उसे “मैनेज करने” की बात कही और भरोसा दिलाया कि इसे देख कर ठीक कर लिया जाएगा। यही नहीं, कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके घर का भी लगभग 6 महीने से मीटर रीडिंग नहीं हुआ है।
गांव के कई अन्य परिवारों का भी यही हाल है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड सरकार 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजना चला रही है, लेकिन जब हर महीने सही तरीके से रीडिंग ही नहीं होगी तो लोग इस योजना का लाभ कैसे उठा पाएंगे। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अचानक भारी-भरकम बिल देखकर परेशान हो जाते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है।

ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि मीटर रीडिंग की प्रक्रिया को हर महीने नियमित और पारदर्शी बनाया जाए। उनका कहना है कि अगर विभाग ने जल्द इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को मजबूर होंगे।