राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2025 के अवसर पर थीम: “बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण” के विषय पर समाहरणालय सभागार में सेमिनार का आयोजन
Last Updated on November 16, 2025 by Gopi Krishna Verma
एक नज़र:
- पत्रकारिता के महत्व, पत्रकारों की भूमिका व नैतिक मूल्यों के संबंध में चर्चा की गई।
- समाज को सशक्त करने में एवं लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आपका अहम योगदान है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है: उपायुक्त
- भ्रामक खबरों का खंडन/रोक जरूरी।
- सांप्रदायिक न्यूज के समय खबरों की पुष्टि जरूरी।
- बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण” के विषय पर प्रेस मीडिया के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी राय रखी।
- उक्त सेमिनार का धन्यवाद ज्ञापन जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी के द्वारा किया गया।

गिरिडीह। रविवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के शुभ अवसर पर थीम “बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण” विषय पर समाहरणालय सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम में जिले के सभी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो चीफ के अलावा पत्रकारगण शामिल थे। उक्त कार्यक्रम की शुरुआत जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती के द्वारा स्वागत भाषण के रूप में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस के शुभ अवसर पर आप सभी प्रेस बंधुओं को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की अनेकों शुभकामनाएं एवं बधाई। देश की आजादी से लेकर वर्तमान समय में पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों को मैं जिला प्रशासन की ओर से कृतज्ञता प्रकट करती हूं। आप लोग समाज में एक सेतु की तरह कार्य करते हैं। लोकतंत्र को सशक्त एवं मजबूती प्रदान करने में आप की अहम भूमिका है।

भ्रामक खबरों का खंडन/रोक जरूरी। सांप्रदायिक न्यूज के समय खबरों की पुष्टि जरूरी। आज के दौर में पत्रकारिता काफी चैलेंजिंग है, दिन प्रतिदिन पत्रकारों को काफी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करना पड़ता है: उपायुक्त
कार्यक्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बेहद शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि समाज को सशक्त करने में एवं लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आपका आम योगदान है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 16 नवम्बर, भारत में स्वतंत्र एवं जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है। इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद् ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना आरंभ किया कि प्रेस न केवल एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में अपेक्षित उच्च स्तर बनाये रखे बल्कि यह किन्हीं बाह्य कारकों से प्रभावित या खतरों से अवरुद्ध न हो। हालांकि विश्व में कई प्रेस या मीडिया परिषदें हैं, परन्तु भारतीय प्रेस परिषद् अद्वितीय है क्योंकि यही एकमात्र ऐसा निकाय हैं जिसे, प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राजतंत्रों पर भी प्राधिकार है। 1956 में प्रेस परिषद् की स्थापना की सिफारिश करते हुए प्रथम प्रेस आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि पत्रकारिता में वृतिक नीति को बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि ऐसे लोग, जिनका कर्त्तव्य मूल रूप से मध्यस्थता करना हो, के एक ऐसे निकाय, जिसके पास सांविधिक प्राधिकार हो, को अस्तित्व में लाया जाए।

इस उद्देश्य से भारतीय प्रेस परिषद् की स्थापना की गयी तथा यह निकाय, जिसे 16 नवम्बर, 1966 को विकसित किया गया, ने अपने उद्देश्य को पूर्ण रूप से सिद्ध किया है। 16 नवम्बर देश में जिम्मेदार एवं स्वतंत्र प्रेस का आदर्श प्रस्तुत करता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता काफी चैलेंजिंग है, दिन प्रतिदिन पत्रकारों को काफी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करना पड़ता है। इसके अलावा जिला प्रशासन एवं मीडिया में सामंजस्य स्थापित करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आगे उपायुक्त ने पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में संदर्भित किया, जो सरकार के तीन अन्य स्तंभों – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बराबर महत्व रखता है।
उपायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने और सरकार में पारदर्शिता लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में खबरों की निष्पक्षता और तथ्यों की सत्यता की जांच जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि आर्टिकल 21 निष्पक्ष पत्रकारिता को परिभाषित करता है। उपायुक्त ने सभी पत्रकार बंधुओ से अनुरोध किया कि आप सभी निष्पक्ष पत्रकारिता करें एवं खबरों की आड़ में भ्रामक खबरे को बढ़ावा ना दें तथा SOP का अनुपालन जरूर करें।

उपायुक्त ने कहा कि भ्रामक खबरों पर अंकुश लगाने के लिए आप सभी को ही आगे आना होगा, क्योंकि आज के दौर में सोशल मीडिया साइट्स पर बिना खबरों की सत्यता की जांच किए हुए बिना खबर लगा दिया जाते हैं, उपायुक्त ने भारत और पाकिस्तान न्यूक्लियर वॉर के समय लगातार न्यूज़ चैनलों पर चल रहे भ्रामक खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रामक खबरों से हमें बचाना चाहिए क्योंकि आमजनों तक संचार का माध्यम है मीडिया। समाज के अंतिम छोर तक खबरें पहुंचती है, इसलिए खबरों की सत्यता की जांच अवश्य कर ले, फिर खबरों को प्रसारित करें। खबरों में बैलेंस जरूरी है। साथ ही खबरों में सरकार की कमियों के साथ-साथ अच्छी खबरों को भी बढ़ावा दें। ब्रेकिंग न्यूज के आड़ में किसी की व्यक्तिगत चरित्र का हनन न करें, अपने अधिकार के आलोक में किसी अन्य के अधिकार का हनन न हो, यह भी ध्यान रखें। उपायुक्त ने कहा कि ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में हाहाकार न हो, सही न्यूज हो, लोगों में आपकी चैनल/अखबार की विश्वसनीयता जरूरी है। क्योंकि लोग अखबार को पढ़ते हैं, आपकी खबरों पर विश्वास करते हैं। सबका फंडामेंटल राइट का ध्यान रखें। आगे मीडिया एथिक्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसी के दबाव के बिना खबरों को प्रसारित करें, परन्तु खबरों की पुष्टि अवश्य कर लें।
उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने कहा कि सर्वप्रथम सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज का दिन आप सभी के साथ साथ हम सभी के लिए भी बेहद खास है। लोकतंत्र एवं समाज के निर्माण तथा गांव-गांव तक विकास योजनाओं को पहुंचाने और लोगों को जागरूक करने में आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज के दौर में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी काफी महत्व है। पत्रकारिता के दौर में निष्पक्ष पत्रकारिता का काफी महत्वपूर्ण रोल है, जिस को ध्यान में रखकर आपको आगे बढ़ना चाहिए। आपके द्वारा प्रयास यह होना चाहिए कि आमजनों के बीच सच्ची खबरें प्रकाशित हो ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या अन्य घटनाएं ना हो। साथ ही भ्रामक खबरों पर अंकुश लगना चाहिए। आज के दौर में सोशल मीडिया साइट्स पर का अंबार लगा रहता है, यूट्यूबर्स/सोशल मीडिया में गलत न्यूज को बढ़ावा देने से बचना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रेस क्लब के अध्यक्ष, श्री राकेश सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आप सभी उपस्थित पत्रकारगणों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि कलम की शक्ति तलवार की शक्ति से भी मजबूत होती है। उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सभी पदाधिकारी एवं पत्रकार साथियों को बधाई दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन और मीडिया के बीच बेहतर सामंजस्य को विकसित करने पर मंथन जरूर होना चाहिए। जिला प्रशासन और खासकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा प्रशासनिक खबरों की जानकारी समय पर उपलब्ध करा दी जाती है लेकिन आज भी प्रशासन और मीडिया के बीच बेहतर सामंजस स्थापित नहीं हो पाया है जिसके लिए हमें कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अपने पत्रकार साथियों से अनुरोध करते हुए कहा कि आज के दौर में भ्रामक खबरों की काफी शिकायतें मिलती रहती है, इससे हमें बचना चाहिए ताकि भविष्य में पत्रकारिता से जुड़ने वाले युवाओं में एक सकारात्मक संदेश जाए कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी है़ं इसलिये राष्ट्र की उन्नति में उन सभी का भागेदारी दूसरे स्तंभों से कम नहीं है़। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माण में भी मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर प्रेस क्लब के महासचिव अरविंद कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं मेरे अनुज पत्रकार साथियों आप सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की विशेष शुभकामनाएं। आज का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि खबरों को प्रकाशित करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य कर लें। खबरों के प्रकाशन में अगर किसी भी प्रकार की दिक्कत आ रही है या सत्यता की जांच नहीं हो पा रही है तो वरीय अधिकारियों/पुलिस पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए खबरों की सत्यता की जांच जरूर करें, इसके पश्चात ही खबरों को प्रकाशित करें। आगे उन्होंने कहा कि आम जनमानस के बीच सूचनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर हर क्षेत्रों में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। आज के कार्यक्रम में हम आप सभी वरीय पदाधिकारियों से मीडिया कर्मियों और प्रशासन के बीच एक सकारात्मक नजरिया की आशा करते हैं।
हिंदुस्तान के ब्यूरो प्रमुख लक्ष्मी अग्रवाल ने सर्वप्रथम आज के कार्यक्रम के आयोजन के लिए उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को धन्यवाद दिया। साथ ही साथ वरीय पदाधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया तत्पश्चात उन्होंने कहा कि सशक्त लोकतंत्र के निर्माण तथा संविधान निर्माण के साथ-साथ ही स्वच्छ समाज के निर्माण में भी मीडिया कर्मियों की भूमिका अहम रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास होना चाहिए कि प्रशासन और मीडियाकर्मियों के बीच एक बेहतर तालमेल और सामंजस्य स्थापित हो ताकि मीडिया कर्मी और प्रशासन अपने-अपने दायित्वों का इमानदारी पूर्वक निर्वहन कर सकें। उन्होंने कहा कि जिले के पत्रकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में प्रयत्नशील रहते है़ं।
न्यूज 11 के ब्यूरो प्रमुख, श्रीकांत ने बढ़ती भ्रामक खबरों के बीच प्रेस की विश्वसनीयता विषय पर बोलते हुए कहा कि वे सर्वप्रथम उपायुक्त, उप विकास महोदय एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देते हैं कि आज का यह कार्यक्रम मीडिया और प्रशासन के बीच एक बेहतर समन्वय स्थापित करेगा, जिससे खबरों के संकलन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में खबरों का प्रकाशन कई तरीकों से किया जाता है। शुरुआत में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। परंतु आज के दौर में पत्रकारिता में भी व्यापक परिवर्तन आए हैं। आज के दौर में लोग के द्वारा सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया जाता है। एक तरह से माने तो सोशल मीडिया का सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर लोगों के द्वारा अपने मन की बात को तुरंत रखा जाता है साथ ही साथ कई व्यक्तियों के द्वारा सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव भी किया जाता है जिस पर रोक लगना चाहिए।
पत्रकारों ने कई बार जान जोखिम में डालकर भी अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। इस अवसर पर, ईटीवी भारत के ब्यूरो प्रमुख अमरनाथ सिन्हा ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। भारत एक लोकतंत्रिक देश है।
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिये गये अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि जिले के पत्रकार निष्पक्षता, स्वतंत्रता और उच्च नैतिक मापदंडों का पालन करते है़ं और आगे भी करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन और मीडिया के बीच जो दूरियां है, उन दूरियां को खत्म किया जाना चाहिए और समय-समय पर प्रशासन द्वारा मीडिया कर्मियों के लिए कॉर्डिनेशन कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। नक्षत्र न्यूज के पत्रकार मनोज कुमार उर्फ पिंटू ने कहा कि आज की पत्रकारिता जिस ओर जा रही है, उस पर गंभीरता से पत्रकारों को ही विचार करने की जरूरत है़।
न्यूज़ पब्लिक के संपादक रितेश सराक ने कहा कि आज का दौर सूचना प्रदूषण का है। सोशल मीडिया में भ्रामक और तथ्यहीन सूचनाओं की भरमार है। ऐसे में पत्रकार को स्वयं हर सूचना की सत्यता जांच कर ही कोई भी समाचार प्रेषित या प्रसारित करना चाहिए। विशेषकर सामाजिक और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील खबरों में धैर्य और समझदारी दिखाने की जरूरत है।
पत्रकारों को सेल्फ सेंसर्ड और फिल्टर्ड प्रामाणिक खबर ही प्रकाशित करना चाहिए। सकारात्मक नजरिया रखना जरूरी है। इसके लिए नवोदित पत्रकारों को प्रेस एथिक्स और कॉड ऑफ कंडक्ट की जानकारी देने के लिए प्रेस क्लब और जनसंपर्क विभाग को समय समय पर कार्यशाला का आयोजन करना चाहिए। उक्त कार्यक्रम में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो चीफ के अलावा सभी पत्रकार बंधु उपस्थित थे।
