छात्र संघ चुनाव एवं शिक्षण संस्थानों पर सरकार का कब्ज़ा, एकेडमिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला : भोला राम

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Last Updated on August 28, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह‌‌। छात्र नेता भोला राम ने कहा कि विधानसभा में सरकार द्वारा पारित राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 में झारखंड के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों में इलेक्शन की जगह सिलेक्शन लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है जो की पूरी तरह से असंवैधानिक है।भोला राम ने कहा झारखंड में छात्र संघ चुनाव के साथ खिलवाड़ करना एवं चुनाव के जगह नियुक्ति करना, छात्र नेताओं के साथ एक बहुत बड़ा मज़ाक है।

सरकार इस विधेयक के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से कैंपस में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर भी प्रहार कर रही है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को निगलना चाह रही है। शिक्षण संस्थानों पर सरकार का कब्ज़ा, एकेडमिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला किया जा रहा है। ये फैसला विश्वविद्यालयों की आत्मा को कुचलने जैसा है। लोकतंत्र की गला घोंटने वाली सरकार ने विश्वविद्यालय में छात्र संघ के लिए अलग से चुनाव न कराना यह दर्शाता है कि यह सरकार छात्र संघ के माध्यम से उभरने वाले नए राजनीतिक, सामाजिक विमर्श व विद्यार्थी नेतृत्व को कुचलना चाह रही है।

छात्र संघ के माध्यम से सहज, सरल व प्राकृतिक नेतृत्व जो परिसरों से निकलकर समाज, राज्य व देश के सामाजिक, शैक्षणिक व राजनीतिक विचारों को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करते थे सरकार अब उन्हें भी रोकने का प्रयास कर रही है।

विश्वविद्यालय वह स्थान है जहां सभी छात्र अपने जीवन का एक बहुमूल्य सीख ग्रहण करते है। जहां विचारों का संघर्ष होता है और इसमें छात्र संघ चुनाव एक ऐसा अवसर होता है जो छात्रों को प्रतिनिधित्व प्रदान करता है। अगर छात्र संघ चुनाव को ही बंद किया जा रहा है तो ये लोकतंत्र के विरुद्ध है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के ऊपर में यह सरकार स्वयं एक ग्रहण बन चुकी है। वर्तमान सरकार अविलंब इस विधेयक को त्वरित वापस ले अन्यथा युवा संगम सभी कैंपस एवं सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

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